पिता की जान बचाने के लिए बेटा ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर मदद की लगाई थी गुहार
दरौली : जिले के दरौली प्रखंड क्षेत्र के पंचायत भवन सरकार भिटौली में प्रवासियों के लिए बनाएं गए क्वारन्टाइन सेंटर में बुधवार को क्वारन्टीन किए गए एक प्रवासी की बुधवार को तबियत बिगड़ गई। जिसे प्रशासन ने इलाज के लिए सीवान भेज दिया। सीवान पहुंचने पर होटल डीइलू में बनें क्वारन्टाइन सेंटर में उसे रखा गया जहां पर बुधवार की देर रात्रि उसकी मौत हो गई। मृतक भिटौली गांव का 53 वर्षीय पारसनाथ ठाकुर था। इधर प्रवासी के मौत की खबर परिजनों को मिलते हीं पत्नी सुगन्धि देवी का रो रो कर बुरा हाल है। प्रवासी अपने पुत्र के साथ मुम्बई में रेडी लगा परिवार का भेज पोषण करता था।

मृतक अपने पुत्र रितिक ठाकुर के साथ 11 मई को महाराष्ट्र के नवी मुम्बई के थाणे डिस्ट्रिक के मुबरा जगह से श्रमिक ट्रेन से बरौनी से जीरादेई पहुंचने के बाद दरौली के पंचायत भवन सरकार भिटौली में क्वारन्टीन था। मृत प्रवासी श्वांस रोग से ग्रसित था। प्रवासी मृतक के परिजनों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन द्वारा इलाज में लापरवाही के कारण उसकी मौत हुई है। उधर भिटौली पंचायत के मुखिया संजय प्रजापति का कहना है कि जिस दिन से प्रवासी पारसनाथ ठाकुर आया है उसी दिन से उसकी तबीयत खराब चल रही थी। कोरोंटाइन सेंटर पर प्रवासियों को जांच करने आ रहे मेडिकल टीम से लगातार पारसनाथ ठाकुर को इलाज के लिए बार बार कहा जा रहा था लेकिन मेडिकल टीम एंबुलेंस भेज कर अस्पताल में भर्ती करा इलाज का केवल आश्वासन देती थी। बुधवार को जब पारसनाथ ठाकुर की हालत एक दम से बिगड़ गई व प्रवासियों द्वारा हंगामा शुरू करने के बाद ही उसे सिवान भेजा गया।

वही मौत की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया. रात में ही डेड बॉडी को सदर अस्पताल लाया गया. सिविल सर्जन तथा अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों की उपस्थिति में मृतक की कोविड-19 जांच के लिए सैंपल लिया गया. उसके बाद मृतक का शव पोस्टमार्टम हाउस में सुरक्षित रख दिया गया. रिपोर्ट आने के बाद डेड बॉडी को परिजनों को सौंपा जायेगा.