अमित यादव/सिवान : अपने परिवार के सपनो को साकार करने के लिए लोग अपने देश और अपनी माटी को छोड़ गल्फ देश मे जाकर कमाने को मजबूर है। कुछ ऐसे ही अपने परिवार के सपने को साकार करने के लिए सीवान जिले के बसंतपुर थाना क्षेत्र के सरेया श्रीकांत पंचायत के विशनपुरा गांव निवासी श्री मोतीलाल लाल साह के पुत्र नारद कुमार भी सऊदी अरब गया। सऊदी अरब में एक वर्ष तो काफी ठीक-ठाक गुज़रा लेकिन अब बुरी तरह फंस चुका है.
मामले में मिली जानकारी के अनुसार आज से ढाई वर्ष पहले नारद कुमार सऊदी अरब के रियाद शहर में हाउस ड्राइवर की नौकरी करने के लिए गया रियाद जाने के एक वर्ष तक सबकुछ ठीक ठाक रहा. इसी क्रम में नारद कुमार को वही विदेश में किसी बात को लेकर भारतीय ड्राइवर से झगड़ा हो गया और दुसरे भारतीय ड्राइवर ने नारद कुमार के खिलाफ FIR दर्ज करा दी. इसका नतीजा यह हुआ कि नारद कुमार को दस दिनों तक वहाँ की जेल में सजा भुगतनी पड़ी और कुछ दिनों बाद दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से इस विवाद केस को खत्म कर दिया लेकिन कुछ दिन बीतने के बाद नारद पर मुसीबतों का पहाड़ तब टूट पड़ा जब नारद के मालिक ने उसकी सैलेरी बंद करवा दी और ऊपर से उसके पासपोर्ट को ब्लैकलिस्टेड करा दिया.
पुरा मामला यहीं खत्म नहीं हुआ सैलरी नहीं मिलने के कारण नारद ने लेबर कोर्ट में अपील की जहां एक बार फिर से नारद को उसके मालिक द्वारा धमकी दी और समझौता के तहत उसके मालिक ने उसे 10 दिनों के अंदर वतन वापसी की बात कही जिसके बाद नारद द्वारा केस उठा लिया गया लेकिन इस घटनाक्रम के 6 महीने बीतने के बाद भी न ही नारद के मालिक ने उसकी सैलरी दी और न ही पासपोर्ट!
इससे मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर नारद ने रियाद स्थित भारतीय दुतावास से भी मदद की गुहार लगाई लेकिन यहां भी उसे टालमटोल कर भगा दिया गया.
नारद ने अपने वतन वापसी के सारे प्रयासों को विफल होते देख अंततः सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए WhatsApp के जरिए अपने परिजनों और शुभचिंतकों से अपना दर्द साझा किया और स्थानीय सांसद जनार्धन सिंह सिग्रीवाल के जरिये भारतीय विदेश मंत्रालय से पहल करने की गुहार लगाई है.
अब देखना यह लाजमी है कि महाराजगंज सांसद और जिला प्रशासन रियाद में फंसे युवक की किस प्रकार मदद करती है और नारद कब तक अपने वतन वापसी करने में सफल हो पाता है?